रविवार को उज्जैन को मिलेगा विकास का बड़ा तोहफा, मुख्यमंत्री रखेंगे 355 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास; नया कलेक्टर भवन, सर्किट हाउस, छात्रावास और अस्पताल अपग्रेडेशन शामिल!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

रविवार का दिन उज्जैन के लिए बेहद खास होने वाला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शहर में बड़े पैमाने पर विकास कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। इस अवसर पर वे पुलिस कंट्रोल रूम के पास बनने वाले नवीन कलेक्टर कार्यालय भवन सहित कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की नींव रखेंगे। कुल मिलाकर 355 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के निर्माण कार्यों का शुभारंभ किया जाएगा।

कार्यक्रम की तैयारी और निरीक्षण

मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है। कलेक्टर रौशन कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने शासकीय अधिकारियों के साथ कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी व्यवस्थाएं गरिमामय और व्यवस्थित रहें।

किन-किन कामों का होगा भूमिपूजन?

मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन में कई बड़े प्रोजेक्ट्स की नींव रखेंगे, जिनमें प्रमुख हैं:

  • नवीन कलेक्टर कार्यालय भवन – लागत लगभग ₹134.97 करोड़

  • पीडब्ल्यूडी ब्रिज के 4 निर्माण कार्य – लागत ₹74.57 करोड़

  • नवीन विश्रामगृह (6 स्थानों पर) – लागत ₹20.58 करोड़

  • केंद्रीय जेल आवास गृह – लागत ₹19.18 करोड़

  • मुल्लापुरा में 50 कक्षों का नया सर्किट हाउस – लागत ₹49.10 करोड़

  • शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेदिक महाविद्यालय परिसर में छात्रावास – बालक और बालिका दोनों के लिए 250-250 सीटर, लागत ₹32.69 करोड़

  • माधवनगर सिविल अस्पताल – 100 बेड से 200 बेड तक उन्नयन व निर्माण, लागत ₹24.08 करोड़

कौन-कौन रहेंगे मौजूद?

भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, लोकनिर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह, आयुष मंत्री इंदरसिंह परमार, सांसद अनिल फिरोजिया, राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेशनाथ महाराज, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, विधायक सतीश मालवीय, महापौर मुकेश टटवाल, सभापति कलावती यादव और जिला पंचायत अध्यक्ष कमला कुंवर अंतरसिंह मौजूद रहेंगे।

विकास की दिशा में बड़ा कदम

इन निर्माण कार्यों को उज्जैन के विकास की नई दिशा माना जा रहा है। खासकर नए कलेक्टर कार्यालय और सिविल अस्पताल का उन्नयन शहरवासियों को बेहतर प्रशासनिक और स्वास्थ्य सुविधाएं देने में मदद करेगा। वहीं, नए सर्किट हाउस और छात्रावासों से पर्यटन और शिक्षा क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी।

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